प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण जानकारी

आइये आज हम प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना से जड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में कुछ पता कर लेते है, ताकि योजना का लाभ लेते समय हमें किसी प्रकार की कोई दक्कत नहीं हो…

1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ?

यह योजना किसानो की फसलो से जुड़े हुई जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई करने का माध्यम है| इससे किसानो को अचानक आए जोखिम या प्रतिकूल मौसम की वजह से फसलो को हुए नुकसान की भरपाई की जाती है |

2. फसल बीमा कौन करवा सकता है ?

खुद स्वयं, बटाईदर या साझेदार किसान अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित की गई फसलो के बिमा का लाभ उठा सकते है, ऋणी एवं गैर ऋणी किसानो के लिए यह योजना स्वैच्छिक है| यदि की ऋणी कृषक प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना के अंतर्गत लाभ नहीं लेना चाहत है तो उन्हें बैंक द्वारा उपलब्ध कराये गए निर्धिरित प्रपत्र में लिखित में यह आवेदन करना होगा की उसे मौसम रबी 2022-23 के लिए फसल बिमा से अलग रखा जाये| जिसके आवेदन की अंतिम तिथि 24 दिसंबर 2022 है|

3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानो के लिए बीमित राशी क्या होगी ?

बीमित राशी गत 7 वर्षो के जिला स्तर के उपज में से सर्वश्रेष्ठ 5 वर्षो के उपज के औसत को न्यूनतम समर्थन मूल्य से गुणा के अनुसार तथा जिन फसलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं है उनके लिए बाजार भाव से गुणा कर तय की गयी है |

4. फसल बीमा के लिए कृषक द्वारा देय प्रीमियम दर क्या है ?

खरीफ मौसम के लिए 2 %, रबी मौसम हेतु 1.5%, व्यावसायिक और बागवानी फसलो हेतु बीमित राशी का 5 % है |

5. राजस्थान राज्य में प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना के तहत कौन-कौन से जोखिम शामिल है ?

 (A) कड़ी फसल (बुवी से कटाई तक): सुखा, शुष्क  स्थिति, बाढ़, जलप्लावन, व्यापक रूप से कीटो व् रोगों के प्रभाव, भूस्खलन, आकाशीय बिजली गिरने के कारण प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि तथा चक्रवात जैसे रोके न जाने जा सकने वाले जोखिम के कारन उपज में नुकसान को आच्छादन करे के लिए व्यापक जोखिम बिमा आवरण प्रदान किया जाता है |
(B) फसल कटाई के उपरांत नुकसान : इस प्रावधान में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा और बेमौसम वर्षा होने की स्थिति में व्यक्तिगत  आधार पर खेत में काटकर व् फैलाकर / छोटे गठ्ठरो में बांधकर, सुखाने हेतु राखी गई फसलो को फसल करी के पश्चात् केवल 14 दानो की अधिकतम अवधि में हनी होने की स्थिति में संरक्षण प्राप्त है |
(C) स्थानीय आपदाए: योजना के तहत स्थानीयकृत जोखिमो या आपदाओ तथा ओलावृष्टि, भूस्खलन , जलभराव, बादल फटने तथा अधिसुचित इकाई अथवा किसी खेत के हिस्से पर आकाशीय बिजली के गिरने के कारण प्राकृतिक आग लगने से फसल को होने वाले नुकसान को व्यक्तिगत किसान के खेत के स्तर बीमा सुरक्षा  प्रधान की गई है|

6. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तगत कौन – कौन से जोखिम शामिल नहीं है |

योजना के अंतर्गत युद्ध तथा नाभिकीय जोखिमो के कारण होने वाले नुकसान, दुर्भावनापूर्ण क्षति तथा एनी निवारण योग्य  जोखिमो को योजना से बाहर रखा जायेगा |

7. इस योजना के तहत गैर ऋणी किसान बीमा कैसे ले सकते है ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्राप्त करने के इच्छुक गैर – ऋणी किसान निकटतम बैंक शाखा या सहकारी समिति या अधिकृत एजेंट से संपर्क कर सकते है या निर्धारित तिथि के अंतगर्त  स्वयं राष्ट्रिय फसल बीमा पोर्टल https://www.pmfby.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते है| ऐसे करने से उसको योजना का पैसे मिल जायेगा |

8.  गैर -ऋणी किसान द्वारा फसल बीमा लेने के लिए कौन से दस्तावेज जमा करवाना अनिवार्य है?

गैर -ऋणी किसानो को राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार नवीनतम जमाबंदी की नक़ल (पटवारी द्वारा सत्यापित ), आधार कार्ड , स्व-प्रमाणित घोसणा पत्र जिसमे खसरा संख्या का कुल क्षेत्र , प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र , मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार (स्वयं, परिवार एवं बटाईदार) अंकित कर प्रस्तुत करना होगा, भू-स्वामी से घोषणा पत्र या अनुबंध (पट्टे की भमि के मामले में ), बैंक पास बुक की कॉपी जिसमे IFSC CODE एवं खाता संख्या अंकित हो या खाते की रद्द(Cancelled ) चेक, बटाईदार एवं भू-स्वामी की आधार कार्ड की स्व-प्रमाणित प्रति,  बटाईदार  कृषक होने पर उक्त दस्तावेजो के अतितिक्त शपथ पत्र एवं अपने राज्य का मूल निवास प्रमाण पत्र की प्रति जमा कराना अनिवार्य होगा|

9. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा इकाई क्या है?

मुख्य फसलो के लिए बीमा इकाई पटवार मंडल स्तर एवं अन्य फसलो के लिए बिमा इकाई तहसील स्तर है|

10. प्रधानमंत्री फसल बीमा के ऋणी कृषको को बाहर रहने (opt-out) के लिए क्या करना होगा?

कृषको द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाया जाना पूर्णतया स्वैच्छिक है, किन्तु ऋणी कृषको को योजना से बहार रहने(opt-out) के लिए नामांकन की अंतिम दिनाकं से 7 दिन पूर्व तक सम्बंधित वितीय संस्था में (जहा से कृषि ऋण लिया हो)  इस बाबत घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा| घोषणा पत्र का प्रारूप सम्बंधित बैंक शाखा में उपलब्ध है, अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जायेगा |

11. स्थानिक आपदाओ से फसल में नुकसान होने पर सूचना दर्ज करने की प्रक्रिया क्या है ?

आपदाओ  की स्थिति में प्रभावित बीमित कृषक को आपदा के 72 घंटे के अन्दर सीधे बिमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर 18001021111 / फसल बीमा एप के माध्यम से अथवा लिखित में विभाग द्वारा उपलब्ध करवाये गए निर्धारित प्रारूप में अपने बैंक या कृषि विभाग के अधिकारियो के माध्यम से सूचित करवाना आवश्यक है|
यदि 72 घंटे में कृषक द्वारा पूर्ण सुसाना उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो वह कृषक सात दिन में पूर्ण सूचना विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र (जो की सभी स्थानीय कृषि कार्यालयों में उपलब्ध है) में सम्बन्धित बीमा कंपनी को आवश्यक रूप से देगा, जिसमे किसान का नाम, गाँव का नाम, मोबाईल नंबर, बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या, आपदा का प्रकार , प्रभावित फसल आदि की सूचना अंकित होनी चाहिए |

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